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ख्वाज़ा की चौखट पर जब मेहबूब साहब ने निम्मी की मां वहीदन बाई की खोज की

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ख्वाज़ा की चौखट पर जब मेहबूब साहब ने निम्मी की मां वहीदन बाई की खोज की ✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक) सन 1931-32 के आसपास की बात है। फ़िल्म डायरेक्टर मेहबूब साहब उर्स के मौके पर अजमेर स्थित ख्वाज़ा गरीब नवाज रह0 की मज़ार पर मौजूद थे। गरीब नवाज के आस्ताने पर देशभर से आए गाने-बजाने वाले हाज़िर होकर अपने हुनर की कलाबाजियां दिखा रहे थे। जिनमें मशहूर तवायफें भी शामिल थी। अचानक मेहबूब साहब के कानों में जादूभरी आवाज़ पड़ी। उन्होंने देखा कि एक महिला बहुत सी कर्णप्रिय आवाज से गा रही है। उन्होंने कहा। अरे बाप रे ये गायिका तो जादूगर है। ख्वाजा गरीब नवाज के आस्ताने के बाहर एक खूबसूरत औरत अपने साजिंदों के साथ बहुत ही खूबसूरती से नात और क़व्वाली पढ़ रही है। मेहबूब साहब चूंकि फ़िल्म डायरेक्टर थे फौरन उनके दिमाग में उस औरत की खूबसूरत आवाज और काबलियत को फिल्मों के जरिये सारे हिंद में पेश करने का ख्याल आया। क़व्वाली के प्रोग्राम के बाद मेहबूब साहब ने उस महिला को अपना तआरुफ़ दिया। महिला ने अपना नाम वहीदन बाई बताया जो आगरा से अपने शौहर नवाब के साथ ख्वाजा के दरबार में जियारत और कलाम पेश करने आई थी। मेहबूब साहब ने...