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हज के लिए पैदल निकला केरल का शिहाब

हज के लिए पैदल निकला केरल का शिहाब 21वी सदी का पहला पैदल हजयात्री 🕋 ✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक) अल्लाह का घर देखने की तमन्ना हर मुसलमान की होती हैं। लेकिन हजारों किलोमीटर पैदल चलकर हज पर जाना हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन जब इरादे मजबूत हो तो मंजिल भी आसान हो जाती है। ऐसा ही नेक और मजबूत इरादा लेकर हज के लिए निकले है केरल के शिहाब छोत्तूर शिहाब पर ये शे'र बिल्कुल फिट बैठता है 👇 ख़ुद ही को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है? 🕋 शिहाब की रजा (मर्जी) और जिद अल्लाह का घर पैदल जाकर देखने की है। 🕋 हिंदुस्तान के आखरी छोर केरल के मलप्पुरम जिले के कोट्टक्कल के पास अठावनाड नामक इलाका है। यही के रहने वाले है शिहाब ।शिहाब जोखिम और तकलीफों से भरे लेकिन इस रूहानी सफर पर ऐसे दौर में निकले हैं जब सारी दुनिया में आपाधापी मची है। आज के दौर में पैदल हज यात्रा करना लगभग ना-मुमकिन सा है। फिर भी केरल के शिहाब छोत्तूर अल्लाह के घर को देखने के लिए पैदल-पैदल मक्का पहुंचने के लिए निकल पड़े है। वो अकेले ही पैदल चलकर 8,600 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी त...