जब नादिरा की रज़ाई में घुस गए थे मुकरी ✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक) सारे भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। रज़ाई में घुसते हुए मुझे एक मज़ेदार किस्सा याद आ गया सन 1950 की बात है। हुआ यूँ की फ़िल्म डॉयरेक्टर #महबूब_खान साहब इंदौर में अपनी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, फिल्म का नाम था , #आन … फ़िल्म की पूरी यूनिट #लैंटर्न होटल #यशवंत_निवास रोड़ पर रुकी हुई थी …सभी को अलग-अलग कमरे दिए गए थे … मगर कॉमेडियन #मुकरी साहब ने ये कह दिया किया, कि उनके रूम का सामान उनके दोस्त दिलीप कुमार के कमरे में रख देना वो उनके साथ ही रूम शेयर करेंगे । अब हुआ यूँ की पहले दिन शूटिंग का पैक अप देर रात हुआ । सर्दियों का मौसम था । शबे #मालवा तो वैसे भी मशहूर है और आजकल की ठंड उस वक्त के हिसाब से रत्तीभर भी नहीं। सारा #इंदौर कोहरे की चादर ओढ़े हुए था। मुकरी साहब भूल गए की उनका सामान #दिलीप_कुमार के रूम में रखा है । जब मुकरी साहब अपने कमरे में गए तो उनके कमरे में रजाई वगैरह नहीं थी, अब भरी सर्दी में बिना रजाई के सोना मुश्किल था तब वो दिलीप कुमार के कमरे में सोने चल दिए… जब वो दिलीप कुमार का कमरा ढूंढ रहे थे तब होटल मे...