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ताजिया के मायने क्या है?

ताज़िया के मायने? ✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक) ताज' से ताजिया लफ्ज़ बना। ताज जो सर के ऊपर पहना जाता है , ठीक उसी प्रकार गुम्बद भी मक़बरे का ताज ही होता है। इसलिए हजरत ईमाम हुसैन रजि0 के मक़बरे की डिजाइन (नकल/Model) को ताज़िया कहते है। वैसे ताजियत के मायने शोक भी होते है। ताजिया को शोक' मनाने का मकाम भी कहा जाता है। शिया समुदाय ताजिये के मायने 'शोक' (दुख) मनाता है। ताजिया यानि ईमाम हुसैन के मक़बरे की डिजाईन 👍 इस विषय पर लिखने से ज्यादातर लोग कतराते है। क्योंकि लोगों ने ताजिया लफ्ज़ को आस्था से जोड़ रखा है । इसलिए मैं विवादित बयान से बचूंगा सिर्फ मालूमाती पोस्ट लिख रहा हूँ। अंजाने में कोई गलती हो जाए तो प्लीज माफ कर देना। मुख्तसर में ताज़िया' हजरत इमाम हुसैन रजि0 के मक़बरे की डिजाइन है। लेकिन ये मक़बरे की डिजाईन भी असली नहीं है। क्योंकि लोग ताजिया अपने-अपने हिसाब से बना लेते है। जबकि हजरत इमाम हुसैन रजि0 के हकीकी मक़बरे के बारे में भी बहुत-सी गलत-फहमियां फैली है। यानि हजरत इमाम हुसैन के सर और धड़ पर बने बहुत-से मक़बरे दुनियाभर में मौजूद है।😢 असली मक़बरा कौन-सा है? कोई नही...

बुढ़िया और सोहन हलवा

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*कंजूस बुढ़िया और सोहन हलवा*😊 ✍️ *जावेद शाह खजराना (लेखक)* *ख़्वाजा जी की दरग़ाह के ठीक सामने बने बेगमी दालान के सहन में बैठा मुंहबोली ख़ाला से तारागढ़ चलने की जिद कर रहा था। इतने में कंजूस बुढ़िया ने भांजी मार दी।😏* *बूढ़ापे और थकान का बहाना करके ख़ाला को भी भड़का दिया , सो उन्होंने भी पहाड़ चढ़ने से इनकार कर दिया।😭* *बुढ़िया मुझसे बोली- 'मुझे सोहन हलवा तो दिला लाओ।'* *मुझे कंजूस अम्मा की रेल वाली 2 रुपए की सेंव की पुड़िया याद थी। इसलिए ख़ाला से कहा - 'रहने दो ख़ाला ! ये अम्मा लेगी-वेगी कुछ भी नहीं जबरन का थकायेगी ।' ☺️* *'नहीं बेटा मुझे तबर्रुक लेना है । तू मुझे दिला ला तुझे भाव-ताव करना भी आता है।'* *अम्मा ने मेरी तारीफ़ करके ताव पर चढ़ा दिया।😁* *सोहन हलवा खरीदना कौन-सी बड़ी बात है🤔* *इसलिए अम्मा को लेकर मैं निज़ामी गेट के सामने दरगाह बाजार पहुंचा।* *अज़मेर में सोहन हलवा खरीदना या उसका भाव पूछना बहुत रोचक रहता है । खरीदार को सिर्फ भाव पूछने भर की देर रहती है । दुकानदार फौरन सरोते से सोहन हलवा काटकर टुकड़ा चखने के लिए आगे बढ़ा देता है।* 😉  *स्वाद और भाव पसंद आए तो ठीक वरना अग...