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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

डांसिंग गुरु बेग़म अतिया फ़ैज़ी राहमीन

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डांसिंग गुरु..🤸 हिंदी सिनेमा को सबसे पहली आयटम गर्ल देने वाली फ़नकारा बेग़म अतिया फ़ैज़ी राहमीन ✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक) फिल्मों से अगर गीत-संगीत और मचलते डांस को हटा दिया जाए तो #फ़िल्म संसार लगभग बेजान-सा नजर आएगा। गीत-संगीत और #डांस के बगैर फ़िल्म संसार का तसव्वुर बेमानी है। फिल्मों का डांस और #कैबरे देखकर ना जाने कितने लोग थिरके है। डांस बालाओं को देखकर ना जाने कितनों के दिल धड़के हैं। आज हम दिल को धड़काने वाली इंडियन फिल्मों की ऐसी ही खूबसूरत और सबसे पहली डांसर/आयटम गर्ल और उनकी आला उस्ताद के बारे में जानेंगे जिनके दिवाने #हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि #पाकिस्तान में भी हैं। उनके कद्रदानों में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली #जिन्ना से लेकर शिबली नोमानी औऱ #अल्लामा_इक़बाल जैसे आलातरीन नाम भी शरीक हैं। हिंदी फिल्मों के शौकीन सिर्फ इतना जानते है कि हिंदी फिल्मों की सबसे पहली आयटम गर्ल #हेलन है। जानकार लोग हेलेन को डांस सिखाने वाली उनकी गुरु #कुक्कू_मोरे का नाम ले लेते है। लेकिन जो फिल्मी दुनिया के महाज्ञानी है वो #कुक्कू की भी उस्ताद का नाम बड़े अदब से मेडम अजुरी बताते है। बस इसके आगे ...

पार्श्वगायक महेंद्र कपूर इंदौर में

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चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाए हम दोनों ✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक) आज महेंद्र कपूर की 88वी वर्षगाठ है। इसलिए आज मैं महेंद्र कपूर की इंदौर यात्रा के बारे में बताऊंगा। आज से 25 साल पहले की बात है। 22 जून सन 1997 बरोज इतवार की सुबह थी। पार्श्वगायक महेंद्र कपूर अपने बेटे रोहन कपूर के साथ मालवीय नगर रिंगरोड पर एक संगीत एकेडमी का उद्घाटन करने आए थे। सुबह-सुबह मालवीय नगर दरगाह के क़रीब संगीत संस्थान में महेंद्र कपूर को देखने और सुनने वालों की भीड़ थी। गर्मी का मौसम में माहौल में भी गर्मी थी। जानेमाने लीजेंड मेरे फेवरेट सिंगर को देखने मैं भी पहुँच गया। महेंद्र कपूर साहब ने यहां कुछ खास नहीं गाया क्योंकि संगीत का रंगारंग प्रोग्राम तो दोपहर में रवींद्र नाट्यगृह में रखा गया था। रिंगरोड नया-नया बना था। फिर भी भीड़ थी। भीड़भाड़ होने की वजह से मुझे ऑटोग्राफ लेने का कोई मौका नहीं मिला। संगीत एकेडमी के डॉयरेक्टर से मेरी जान-पहचान थी। इसलिए प्रोग्राम में आने-जाने में मुझे कोई रुकावट नहीं थी। ख़ैर दोपहर 1 बजे में रविन्द्र नाट्यगृह में पहले 'आओ-पहले पाओ' की तर्ज पर कुर्सी पर काबिज हो गया। मैंने प...

इंदौर के मंडलोई जी ने बनाई थी रानी रूपमती फ़िल्म

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इंदौर के मंडलोई जी ने बनाई थी रानी रूपमती फ़िल्म❤️ ✍️ जावेद शाह खजराना (लेखक) वैसे तो हमारे इंदौर में फिल्मों की शुटिंग की इब्तिदा सन 1950 में भारत की पहली टेक्नीकलर फ़िल्म 'आन' से हो चुकी थी। बाद में भी कई सुपर हिट फिल्मों की शूटिंग यहाँ हुई। किस्मत की बात है कि इंदौर और आसपास फिल्माई गई सभी फिल्मों ने गौरवशाली इतिहास रचा है। इंदौर और खजराना में 'आन' की शूटिंग के बाद देवास के शाजापुर में श्री 420 और भोपाल के बुधनी में नयादौर फ़िल्म की शूटिंग हुई। ये सभी कामयाब फ़िल्में थी। ऐसे में इंदौर के प्रोड्यूसर कैसे खामोश बैठते? रानी रूपमती के गढ़ निमाड़ अंचल से ताल्लुक़ रखने वाले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मरहूम श्री भगवंतराव मंडलोई साहब के परिवार से जुड़े इंदौर निवासी जनाब आर0एन0 मंडलोईजी ने सन पचास के दौर में सती नागकन्या, महासती सावित्री, राम -हनुमान युद्ध से लेकर जय गणेश तक आधा दर्जन धार्मिक ऐतिहासिक फि़ल्में बनाईं थी लिहाज़ा उन्होंने अपने इलाके की मशहूर प्रेमकथा को पर्दे पर साकार करने का इरादा किया। जी हाँ दोस्तों 1957 की सुपरहिट फिल्म रानी रूपमती के प्रोड्यूसर आर0एन0मंड...